19 पवितर आतमा के झइ बुझवाबा।
स्तिफनुस आगू बोलतेन रहिस केतका तुम ढीठ हबा, मन अउ कान लग बिना सुध्दिकरन के हबा तुम अपन सियानन के जसना हबा, तुम सबदिना पवितर आतमा के बिरोध करे हबा।
अगर उहै टेम कउनो हे भगवान के अगुवाई होय, ता ऊ जउन आगू कर बात करै बाले चुप हुइ जाय।
तुम भगवान बाफ के पवितर आतमा के दुखी झइ करा, जेखर लग तुम्हर उप्पर मुकति के रोज के निता छाप दय गय हबै।
हइ सब लग बडी बात हइ हबै, कि बिस्वास के ढाल के रूप हे लइ लेया, जेखर दवारा तुम भुतवा के उन सगलू जलत तीरन के बुझवा सका।
आगू कर बात करै बालेन के बेकार झइ समझा।
ऊ बरदान के परति जउन तोर हे हबै, आगू कर बात गुठेमै बाले के दवारा सियानन के हाथ धरत टेम तोके मिले रथै, लपरवाह झइ रह।
इहै कारन मै तोके सुरता दिलाथों तै भगवान के ऊ बरदान के जउन मोर हाथ रखै के दवारा तोके मिले हबै बरत रहै।