हे भाई, हम नेहको चाहथन कि तुम उनखर बारे हे अनचिन्हार रहा, जउन मर गय हबै, कहुं असना झइ होय कि तुम उन मनसेन के जसना दुखी बनाबा, जिनही कउनो आसा नेहको हबै।
एखर बाद हम, जउन जिन्दा हबन अउ जउन ऊ टेम तक बचे रइहीं, उन मनसेन के संग बादर हे उप्पर उठाय लय जइही अउ आसमान हे परभु लग मिलब। हइ मेर हम सबदिना परभु के संग रहबो।
मै स्वरग लग अक्ठी आरो हइ आदेस देत सुनाई देथै, “लिख, धन्य हबै।” ऊ मिरतू, जउन अब लग परभु हे बिस्वास करत मरे हबै, आतमा कथै, “असनेन होय, ताकि ऊ अपन मेहनत के बाद आराम के सकै, काखे उनखर निक्खा काम उनखर संग हबै।”