पय ई बातन के आगू ऊ मनसे तुमही बन्दी बना लइहीं अउ सतइही, ऊ तुम्हर उप्पर अधिकार के आदेस चलाय के निता तुमके मंडली दरबार हे दइ देइही अउ फेर मोर नाम के कारन ऊ तुमही, राजा अउ राजपालो के आगू लइ जइही।
पय पोलुस जबाब दइस, “तुम काहिन कथा रोय-रोय के मोर दिल दुख करे हबै? मै तो परभु यीसु के नाम के निता यरुसलेम हे न केबल बांधे जाय के निता बरन मरै के निता तइयार हबो।”
काखे मोर ख्याल लग भगवान हम चेलन के काम के मामला हे उन मनसेन के जसना सबले आखरी हे जिघा दय हबै, जेही मिरतू के सजा दइ चुके हबै। काखे हम सगलू दुनिया के निता स्वरगदूतन अउ मनसेन के आगू तमासा बन गय हबन।
पय तुमके बिस्वास के नीह हे मजबूत अउ अडे बने रहे चाही अउ ऊ आसा लग नेहको भटके चाही, जउन तुमके संदेस के दवारा देबाय गय हबै, ऊ परचार बादर के तरी सगलू रचना के सुनाय गय हबै अउ मै पोलुस ओखर सेबक बने हव।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”
मै हइ जानथो कि तै उहै रथस जिहां भुतवा के राजगद्दी हबै, तउभरमा मोर नाम के परति तोर सच्चाई हे बने हबै अउ तै मोर परति अपन बिस्वास के कबहुन नेहको नकारे, ऊ टेम जब मोर गवाह मोर बिस्वास के काबिल अन्तिपास के तुम्हर सहर हे जिहां भुतवा के घर हबै, खून के दय गइस।