हे भाई, मै चाहथो कि तुमही पता होय कि मै तुम्हर लिघ्घो बेर-बेर आमैके योजना बनायो, ताकि जसना फडुहा मै गैर यहूदी हे पाय हव, ओसनेन तुम्हरो लग पाय सको, पय अब तक उछो आमै के निता रोके गय हबै।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”