15 सचेत रइहा कि हत्या, चोरी या गलत काम होय या पराय के कामन हे हाथ डारै के कारन तुम मसे कउ मनसे दुख झइ भोगा।
धन्य हबै तुम, जब मनसे मोर चेला होय के कारन तुम्हर बेज्जती करही, तुमके तंग करही अउ कइनमेर के झूठ दोस लगइहिन।
तुम हइ बात हे बडाई करा कि तुम सान्ति हे जीवन गुजारत हबा, अउ हर अक्ठी अपन-अपन काम हे लगे रथा, तुम मोर आदेस के जसना अपन हाथन लग अपन काम करा।
हमके सुनै काहिन मिलै हबै, कि कुछ मनसेन तुम्हर बीच हे आलसी के जीवन बिताथै, अउ कुछ काम नेहको करथै पय दूसरो के काम हे अडंगा डालथै।
एखर अलाबा ऊ आलसी रहै लागथै, अउ घर-घर घूमै करथै, ऊ न केबल आलसी रथै, पय बाकिन के कामन के बिगाडथै, अउ दूसर के बुराई करै हे मजा आथै, अउ ऊ बात बोलथै, जउन उके नेहको बोलै चाही।
जेखर निता मै कुकरमी के जसना दुख उठाथों, इहां तक कि बन्धन हे हव, पय भगवान के बचन बन्धन हे नेहको हबै।
अगर तुमही नियाइपन के कारन दुख सहै का पडथै, ता तुम धन्य हबा, तुम उन मनसेन के धमकी लग न डेराय अउ न घबडाबा,
अगर भगवान के इहै इक्छा हबै, ता बुराई करै के कारन सजा भोगय लग निक्खा हबै कि भलाई करै के कारन दुख सहै के कहुं अच्छी हबै।