धन्य हबै ऊ, जउन मनसे परिक्छा हे ठाड रथै काखे परिक्छा हे खरा उतरै हे उके जीवन के ऊ मुकुट मिलही, जेही परभु अपन सेबक के दे के टीमा अपन माया करै बाले लग करे हबै।
हम उनही धन्य समझथन, जउन धीर के संग रथै, तुम अय्यूब के धीर के बारे हे सुने हबा अउ तुम जानत हबा, कि परभु आखरी हे ओखर संग कइसन बेउहार करिस, काखे परभु दया के धन्नड हबै।