मनसे खुदय हमके गुठेथै, कि तुम्हर इहां हमर कइसा सोगत हुइस अउ तुम कइसन मेर के देबी देउता के छांडके भगवान के लिघ्घो आयन, जेखर लग तुम सही अउ जिन्दा भगवान के सेबक बना।
बचे हर मनसे, जउन हइ महामारी लग नास नेहको होय रथै, अपन हाथ के कामन लग मन नेहको फिराइन, उन परेत अउ सोना, चांदी, पीतर अउ लकडी के उन मूरती के पूजा करथै, जउन न तो देख सकथै अउ न सुन सकथै अउ न चल सकथै।