पय अगर कुछ डगइल टोरे गइस अउ तुम जउन अक्ठी जंगली जैतून हबा, उनखर हे लगाय गय हबा अउ उनखर संग जैतून रूख के जर के अंग होय के कारन अच्छी किसम के सहभागी बन गय हबा।
अगर तुम्हर हे दूसर के हक हबै, ता का तुम्हर हे हमर हक उन सबले बढके नेहको होही? तउ हम हइ हक के ऊज नेहको करेन, पय हम मसीह के संदेस के परचार हे कउ रुकावट झइ करै, इहैनिता हम सबैमेर के दुख सहथन।
मै बडा दुख हे मन के गहरी दुख सहत अउ आंसू बोहाय-बोहाय के ऊ चिट्ठी लिखे रथो मै तुमके दुख देय के निता नेहको लिखे रथो, बलुक इहैनिता कि हइ जान जा कि मै तुम्हर लग केतका माया करथो।