22 मै ढिलवन के निता ढिलवन मेर बनेव, जेखर लग मै उनही जीत सको, मै सब झन के निता सब कुछ बन गयों, जेखर लग कउनो न कउनो मेर लग कुछ मनसेन के मुकति हुइ जाय।
कि मै कउनो मेर लग अपन बिरादरिन हे जलन पइदा के सको अउ एखर दवारा उनखर मसे कुछ मनसेन के मुकति हुइ सकै।
जउन बिस्वास हे कमजोर हबै, ओही अपन संगति हे रखला, पय संका हे ओखर नियाव करै के छमता हे झगडा झइ करा।
अक्ठी मनसे के पूर बिस्वास हबै, कि सब कुछ खाय के सही हबै, पय जउन बिस्वास हे ढिलवा हबै, ऊ सबजी भाजी खथै।
इहैनिता हम सक्तिसाली हबै करके, हमही ढिलवा मनसे के कमजोरी हे मदत करै चाही अउ खुद के मगन नेहको करै चाही।
हमर मसे सबझन अपन परोसी के ओखर भलाई के निता, मगन करा कि ओखर उन्नत होय।
महुं अपन भलाई के निता नेहको, पय दूसर के भलाई के धियान रखके सब बातन हे सब के मगन करै के परयास करथो, जेखर लग उन मुकति पाय सकै।
तै का जानथस, हुइ सकथै कि डउकी अपन डउका के मुकति के कारन बन जाय, अउ डउका अपन डउकी के मुकति के कारन बन जाय।
इहैनिता अगर मोर खाना मोर भाई या बेहन के निता पाप के कारन बनथै, ता मै फेर कबहुन कउनो मेर के गोस नेहको खइहों। कहुं असना झइ होय कि मै अपन भाई या बेहन के निता पाप के कारन बनो।
सब मनसेन लग आजाद होमै लग मै खुद के सबके गुलाम बनाय लयो, जेखर लग मै बोहत मनसेन के जीत सको।
मै हइ सब भगवान कर संदेस के निता करथो, जेखर लग महुं दूसरन के संग उनखर आसिरबाद के सहभागी बन जांव।
कोन ढिलवा हबै, जेखर ढिलवा के अहसास मोके नेहको होथै? केखर पाप हे पडै लग मै चिन्ता नेहको होतो?
हे भाई बेहन अगर कउ मनसे कउनो अपराध हे पकडे जाय ता तुम जउन आतमिक हबा, सज्जन के संग असना के संमारै, अउ अपनो खयाल रखै कि तुमो परिक्छा हे झइ पडा।