39 जब तक कउनो डउकी के डउका जिन्दा हबै, तब तक ऊ ओखर लग बन्धररे हबै, अगर ओखर डउका मर जथै, ता ऊ अपन इक्छा लग दूसर काज करे लग आजाद हबै, पय जरूरी इहो हबै कि ऊ डउका परभु हे बिस्वास करत होय।
अब जेखर काज हुइ गय हबै, परभु के हइ आदेस हबै, कि डउकी अपन डउका लग अलगे झइ होबै,
दूसर तरफ, अगर बिस्वास नेहको करै बाले डउका अबिस्वासी हबै, अगर ऊ अलगे होमै चाहथै ता अलगे होमै दा, असना दसा हे बिस्वास करे बाले भाई बेहन के गुलाम हे नेहको, पय भगवान हमही सान्ति के जीवन बितामै के निता बोलाय हबै।
इहैनिता जउन अपन कुमारी टोरिया कर काज करथै, ऊ निक्खा करथै, अउ जउन काज नेहको करथै, ऊ अउ निक्खा करथै।