37 पय जउन अपन मन हे ठाने हबै, जउन कउनो मेर के दबाव नेहको हबै, अउ अपन मन हे हइ बात के गांठ बान्ध लय होय कि ऊ अपन कुमारी टोरिया के बिना काज करै रखै, ता ऊ निक्खा करथै।
तुमही भगवान के जउन झुन्ड सउपे गय हबै, ओखर बरेदी बना, भगवान के इक्छा के जसना उनखर देखरेख करा दबाव हे नेहको, पय अपन इक्छा के जसना, पइसा के लालच के निता नेहको पय सुध्द सेबा भाव लग,