34 सादीसुधा अउ कुमारिन बाले हे अलगेन सोच हबै, बिना काज बाले परभु के चिन्ता हे रथै, ऊ जीवन अउ आतमा हे पवितर होय, पय सादीसुधा दुनिया के चिन्ता हे रथै कि अपन डउका के कसना मगन करी।
तुम अपन देह के अंगन के अनियाय के साधन बनै के निता पाप के अरपित झइ करा, तुम अपन के मिरतू मसे फेरै जिन्दा समझ के भगवान के परति अरपित करा अउ अपन अंगन के नियाइपन के साधन बनै के निता भगवान के सउप देया।
हइ बात सही हबै, अउ मै चाहथो, कि तै हइ बातन के बारे हे हिम्मत लग बोल इहैनिता कि जिनही भगवान हे बिस्वास करे हबै, उन निक्खा-निक्खा कामन हे लगे रहै, हइ बात निक्खा हबै अउ मनसेन के निता फायदा हबै।