19 का तुम नेहको जानथा कि तुम्हर देह पवितर आतमा के मन्दिर हबै? ऊ तुमही भगवान के तरफ लग मिले हबै, अउ ऊ तुम्हर भित्तर रथै, अउ ऊ आतमा हे तुम्हर कउनो हक नेहको हबै,
पय तुम पापी आदत के नेहको पय पवितर आतमा हे होय अगर सहीमा तुम्हर हे भगवान कर आतमा रथै, जउन मनसे के भित्तर मसीह के आतमा नेहको रथै, ऊ मसीह के नेहको हुइ सकै।
कउ इहो कइहीं, “पय खाना लादा के निता हबै अउ लादा खाना के निता हबै।” हव, पय भगवान दोनो के नास के देही। देह गलत काम के निता नेहको, बलुक परभु के निता हबै, अउ परभु हमर देह के निता हबै।
भगवान के मन्दिर का मूरती लग का रिस्ता? काखे हम खुद ऊ जिन्दा भगवान के मन्दिर हबन, जसना कि भगवान कथै, “मै उनखर भित्तर निबास करिहों, चलिहों फिरिहों, मै उनखर भगवान हुइहों, अउ ऊ मोर मनसे बनहिन।”