12 तुम्हर मसे कउ हइ कइहीं, “मोके सब कुछ करै के अनुमति हबै।” हव, पय सब कुछ फायदा नेहको, मै कहि सकथों, “मोके सब कुछ करै के अनुमति हबै” पय मै कउनो चीज के गुलामी नेहको बनिहों।
जिहां तक मूरतिन के बलि चढाय हर चीज के खाय के सबाल हबै, हम हइ बात के चुटु-बोहत जानथन कि सगलू दुनिया हे कहुं मूरती हे कुछु नेहको हबै, पय अक्ठी के छांड के अउ कउ भगवान नेहको हबै।
अगर तुम्हर हे दूसर के हक हबै, ता का तुम्हर हे हमर हक उन सबले बढके नेहको होही? तउ हम हइ हक के ऊज नेहको करेन, पय हम मसीह के संदेस के परचार हे कउ रुकावट झइ करै, इहैनिता हम सबैमेर के दुख सहथन।
हइ मनसे अपन बेसरमी इफाजत लग ऊ तुम्हर संगति के खाना गन्दा धब्बा के जसना हबै, केबल अपन धियान रखथै, हइ बादर के जसना हबै जउन हवा के संग लइ जथै, पय बरसा नेहको लाथै, ऊ उन रूख के जसना जेहमा फडुहा नेहको लगथै, इहां तक कि पतझडो हे रूख जउन जर के खींच लइ गय हबै, अउ पूरी तरह लग दुइ बेर मर चुके हबै।