तब यीसु सडक के पाखा हे अंजीर कर अक्ठी रूख देखथै, ऊ ओखर लिघ्घो जथै, पय पत्तन के अलाबा अउ कुछु नेहको पाथै, ता यीसु रूख लग कथै, अब लग तोर हे कबहुन फडुहा नेहको लगही अउ अंजीर के रूख हरबी झुराय गइस।
“हे ढोंगहा गुरू अउ फरीसी तुमही लानत हबै, तुम मनसेन के निता स्वरग राज कर दूरा के बन्द करथा, न खुद ओहमा घुसथा अउ न उनही जाय देथा, जउन जाय के निता परयास करथै।”
“अब मै तुम के भगवान अउ ओखर अच्छा संदेस के अनुगरह के हाथन हे सउपथो, उहै तुमके बनाय बाले हबै अउ तुमके उन मनसे के संग जेखर पवितर करे जा चुके हबै, उहै तुम्हर उतराधिकारी देवाय सकथै।
कउनो भाई के मान मरयादा के बेज्जती झइ करै अपन साथी बिस्वासिन के तंग झइ करिहा, काखे इन सब के बारे हे खुद परभु बदला लेही, जसना कि हम तुमही साफ सब्द हे समझाय चुके हबन।