6 तुम्हर घमंड करै के बिलकुन अच्छा नेहको हबै, का तुम नेहको जानथा कि चुटु हस खमीर लग सगलू गुडरेहर पीसान खमीर हुइ जथै?
यीसु अक्ठी अउ किस्सा सुनाथै, कि “स्वरग कर राज ऊ खमीर कर जसना हबै, जेही कोनो डउकी लइके तीन किलो पिसान हे मिला देथै, धीरे-धीरे ऊ खमीर हुइ गइस।”
ऊ उस खमीर के जसना हबै, जेही लइके कउनो डउकी दस किलो पिसान हे मिलाय दइस अउ ऊ सगलू पिसान खमीर हे बदल गइस।”
का तुम नेहको समझथा कि तुम अपन आदेस के मानै बाले हरवाह के रूप हे जेखर परति अरपित करथै अउ जेखर आदेस के पालन करथै, तुम उहै के गुलाम बन जथा? हइ गुलाम चाहे पाप के होय, जेखर परिनाम मिरतू हबै, चाहे भगवान के होय, जेखर आदेस मानै के परिनाम नियाइपन हबै।
धोखा झइ खइहा, “बेकार संगत निक्खा आदत के बिगाड देथै।”
इहैनिता कउ मनसेन हे घमंड झइ करा, काखे सब कुछु तुम्हर हबै।
तउभरमा तुम घमंड हे फूले हबा, तुमही दुखी होमै चाही अउ जउन असना काम करे हबै ओखर बिरोध करै के चाही।
सुरता रखा चुटु हस खमीर सगलू गुडरेहर आटा के खमीर के डारथै।
अउ उनखर बचन सडे घाव के जसना बगरत जही। हुमिनयुस अउ फिलेतुस उनखरै मसे हबै,
पय तुम अपन बडाई हे घमंड करत हबा, हइ घमंड पाप लग भरे हबै,