भगवान अपन दिमाक के जसना कबहुं हइ नेहको चाहिस कि हइ दुनिया अपन ग्यान के दवारा भगवान के झइ चीन सकै। इहैनिता भगवान संदेस के परचार मूरखन के दवारा बिस्वास करै बाले के मुकति दे।
बिना आतमा के मनसे भगवान कर आतमा के बात के गरहन नेहको करथै, काखे इनही ऊ मूरुख मानथै अउ उके समझै लग बाहिर हबै, काखे आतमा के सहायता लग ऊ सिक्छा के परख पवितर आतमा के दवारा करे जथै।
तुम सोचथा कि जउन कउनो चीज के तुमही जरूरत रहिस, अब ऊ सब कुछ तुम्हर लिघ्घो हबै। तुम सोचथा कि अब हम धनी हुइ गय हबा, तुम हमर बिना राजा बन बइठे हबै, केतका निक्खा होतिस कि तुम सही हे राजा हुइता तकि तुम्हर संग हमु राज करतन।