7 हइ मेर न तो ऊ जउन बिजहा बोय रहिस तउन बडा आहिस, अउ न ऊ जउन पानी ढोरिस, बकि बडा तो भगवान हबै जउन उके बढाय हबै।
मै रूख आंव, तुम डगइल हबा, जउन मोर हे बने रथै अउ मै उनखर हे, ऊ बोहत फडथै, काखे मोर लग अलगे रही के तुम कुछु नेहको कर सकथा।
अगर मोके आगू कर बात करै के बरदान पाय हो, मै सब लुके बातन के जानथो, अउ मोके सगलू ग्यान मिल गय होय, मोर बिस्वास एतका मजबूत होय कि मोर कहे लग डोंगर अपन जिघा लग टर जाय, अगर मै माया नेहको रखिहों ता मै कुछु नेहको हबो।
मै पउधा लगायों, अपुल्लोस उके पानी ढोरिस, पय भगवान उके बडा करे हबै।
ऊ जउन बिजहा बोमै बाले अउ पानी ढोरै बाले दुनोझन अक्ठिन काम करथै, अउ सब अपन-अपन मेहनत के जसना अपन मजदूरी पाही।
हइ करत मै खुद के मूरख बनाय लय हव, तुमै मोके एखर निता मजबूर करे हबै, होमै तो हइ रथै कि तुम मोर बडाई करा, पय मै बेकार हव, फेर मै ऊ बडा-बडा चेला के बरोबरी हे कम नेहको यहों।
पय ऊ मोर लग कथै, “मोर अनुगरह किरपा तोर निता बोहत हबै, काखे मोर सक्ति ढिलवन हे सिध्द होथै।” इहैनिता मै बडे मगन लग अपन ढिलवनो हे घमंड करिहों कि मसीह के सक्ति मोर हे छाउत रहै।
काखे अगर कउ खुदय के खास समझथै, पय ऊ खास नेहको हबै, ता ऊ खुदय के धोखा देथै।