17 अगर कउ भगवान कर मन्दिर के नास करही, ता भगवान उके नास करही, काखे भगवान कर मन्दिर पवितर हबै, अउ ऊ मन्दिर तुम हबा।
का तुम नेहको जानथा कि तुम भगवान कर मन्दिर हबा, अउ भगवान के आतमा तुम्हर भित्तर हे रथै?
कउ अपन के धोखा झइ देया, अगर तुम्हर मसे कउ खुद के दुनिया के नजर लग ग्यानी समझत होय, ता ऊ सहीमा ग्यानी बनै के निता अपन के मूरुख बनाय लेय।