16 जसना मूसा कर किताब हे कहे हबै, “परभु के मन कोहर जानथै? कउन उके सिखाही?” अउ हमर हे तो मसीह के मन सबले बडा हबै।
अब लग मै तुमही हरवाह नेहको कइहों, काखे हरवाह नेहको जानथै, कि ओखर मालिक का करे बाले हबै, बलुक मै तुमही संगी कहे हव, काखे जउन बात मै अपन बाफ लग सुने हव, ऊ सगलू तुमही गुठे दय हव।
परभु के दिमाक के कोहर जानही? या सलाह देय बाले कोहर होही?
कउनो के आतमा के दवारा दिमाक के बात दय जथै, अउ दूसर के उहै आतमा के दवारा सिक्छा के बात।