3 जब मै उछो अइहों तुम्हरे दवारा चुने हर मनसेन के चिट्ठी के संग पठोहूं कि उन जुडे हर दान के यरुसलेम पठोय दइहों।
अगर कउनो के भूख लगै ता अपन घर हे खाय ले तुम्हर अक जिघा जुडे लग तुम नियाव के कारन झइ बना, बाकी बातन के मै आयके सही करिहों।
अगर मोही जायके जरूरी होही, ता उन मोर संग चल दइहीं।
का हम फेर अपन बडाई करै लागथै? या हमके आने मनसेन के जसना हइ हमर निता जरूरी हबै कि हम तुमके सिफारिस के चिट्ठी देखइ अउ तोर लग मांगी?
अउ उन हमर लग बिनती के उप्पर बिनती करत अनुमति चाही कि उन पवितर मनसे के सेबा के धन्यबाद हे सामिल होमै का मउका परदान करे जाय।
इहैनिता हम तीतुस के समझायन कि जसना ऊ आगू सुरु करथै, ओसनेन तुम्हर बीच हे हइ दान के काम के पूर कर लेया।