11 धियान दइहा कउ उके बेकार झइ समझै, उके खुसी-खुसी बिदा करिहा कि ऊ मोर लिघ्घो फेरै लउट आबै, काखे मै अउ भाई के संग उके ताके हबो।
“जउन तुम्हर बात सुनथै, ऊ मोर बात सुनथै, अउ जउन तुम्हर तिरस्कार करथै, ऊ मोर तिरस्कार करथै, अउ जउन मोर तिरस्कार, ऊ ओखर तिरस्कार करथै जउन मोके पठोय हबै।”
मंडली उहां लग कुछ दुरिहां तक पहुंचाथै अउ उन फीनीके अउ सामरिया ले होत गैर यहूदिन के मन फिरामै के संदेस सुनाउत जथै अउ सगलू भाई बोहत मगन होथै।
उन कुछ रोज रहके भाइन ले सान्ति के संग बिदा होथै, कि अपन पठोय बाले के लिघ्घो जाय।
जब तीमुथियुस आही, ता ओखर धियान रखिहा कि उके तुम्हर इछो कउनो चिन्ता झइ होय, काखे ऊ मोरे मेर परभु के काम करै हे लगे रथै।
अगर हुइ सकथै, ता मै तुम्हर इछो कुछ रोज तक रइहों अउ हुइ सकथै कि पूस माह उहै छो रइहों, एखर बाद मोके जउन कनै जायके होही, ता तुम मोर निता उछो जाय के निता जुगाड पानी के दइहा।
मै सोचथो कि मकिदुनिया जात-जात तुम्हर लग मिलो अउ जब मकिदुनिया लग लउटो ता फेरै तुम्हर लिघ्घो जांव, अउ फेर तुम्हर दवारा यहूदिया के निता बिदा करे जांव।
इहैनिता जउन हइ आदेस के मना करथै, ऊ मनसे के नेहको, बलुक भगवान के मना करथै जउन तुमही अपन पवितर आतमा देथै।
कउ तोर जबानी के बेकार झइ समझै पय बचन अउ चाल-चलन अउ माया अउ बिस्वास, अउ पवितरता हे बिस्वास करै बाले के निता आदर बन जा।
हइ बातन के सिखाय करा, हिम्मत बढाबा, अउ पूर हक के संग डांटा अउ कउ तुमके बेकार झइ जान पामै।
उन इछो के मंडली के आगू तुम्हर माया के गवाही दय हबै, अगर तुम उनखर आगू के यातरा के मदद करिहा, ता अउ निक्खा होही, एखर लग भगवान खुस होही।