53 काखे हइ जरूरी हबै कि हइ मरै बाले देह बिना मरै बाले देह के ओढ लेही, अउ हइ मरै बाले देह जउन कबहुन नेहको मरै बाले देह के ओढ लेही।
अउ हरमेसा के जीवन देय बाले भगवान के महिमा के मरै बाले मनसे, चिरइया, जानबर, सपुवा लग मिलत जुलत मूरतिन हे उन बनाय दइन।
जउन मनसे सब रोज धीरज पूरक भलाई अउ महिमा इज्जत अउ जउन कबहुन नेहको मरै बाले के खोज हे लगे रही, उनही ओखर बदले हे सबरोज के जीवन देही।
अउ तुम मसे जेतना मसीह हे पानी हे बतिस्मा लेय हबा, उन मसीह के ओढ लय हबै।
अउ नबा जीवन के पहिन लेया जउन भगवान के रूप हे सही के नियाइपन अउ पवितरता हे बनाय गय हबा।
पिरिया अब हम भगवान के लरका हवन, अउ अब हइ परगट नेहको हुइस कि हम का बनब हम एतका जानथन कि जब मसीह परगट होही ता हम ओखर जसना बन जाबे, काखे हम उनही ओसनेन देखबो जसना कि ऊ सहीमा हबै।