38 भगवान अपन इक्छा के जसना उके देह देथै, हर अक्ठी बिजहा के ओखर अपन देह।
तुम जउन बोवत हबा, ऊ देह के मेर नेहको हबै, जउन बाद हे पइदा होही, बलुक बिना रोपा बाले बिजहा होथै, चाहे ऊ गोहूं के दाना होय या कउनो दूसर मेर के।
सगलू देह अक मेर नेहको होथै। मनसे के देह, गोरुवन के देह अउ चिरइया के देह अउ मछडी के देह आने मेर के होथै।
हइ मेर न तो ऊ जउन बिजहा बोय रहिस तउन बडा आहिस, अउ न ऊ जउन पानी ढोरिस, बकि बडा तो भगवान हबै जउन उके बढाय हबै।