37 तुम जउन बोवत हबा, ऊ देह के मेर नेहको हबै, जउन बाद हे पइदा होही, बलुक बिना रोपा बाले बिजहा होथै, चाहे ऊ गोहूं के दाना होय या कउनो दूसर मेर के।
रात के सोथै, अउ दिन के जागथै, अउ बिजहा कसना जमी, अउ कसना बढही मनसे नेहको जानही।
अरे मूरुख तै जउन बोथस, ऊ जब तक नेहको मरथै तब तक ओखर हे जीवन नेहको आथै।
भगवान अपन इक्छा के जसना उके देह देथै, हर अक्ठी बिजहा के ओखर अपन देह।
भगवान के धन्यबाद होय जउन हमके लगेतार मसीह के जीत यातरा हे लइ चलथै, अउ हमर दवारा अपन नाम के ग्यान सुगन्ध हर जिघा फइलाउत जथन।