33 धोखा झइ खइहा, “बेकार संगत निक्खा आदत के बिगाड देथै।”
बोहत लग झूठे ग्यानी मनसे ठाड हुइहीं अउ मनसेन के ठगही।
काखे कि ठगै बाले मनसे अउ ठगरा मसीह अउ ठगरा ग्यानी मनसे, ऊ टेम ठाड हुइके बोहत चकित बाले चिन्हा देखाही अउ इहां तक कि चुने हर मनसेन के बहका देही।
यीसु उनही जबाब देथै, सचेत रइहा तुमही कउनो झइ बहकामै।
तुम्हर घमंड करै के बिलकुन अच्छा नेहको हबै, का तुम नेहको जानथा कि चुटु हस खमीर लग सगलू गुडरेहर पीसान खमीर हुइ जथै?
का तुम हइ नेहको जानत हबा कि जुरुम करै बाले मनसे भगवान कर राज के हकदार नेहको होही? धोखा हे झइ रहा, बेभिचारनी, मूरती पूजा, पराय डउकिन के संग गलत काम, लुचपन, पराय डउकन के संग गलत काम,
धोखा हे झइ रहा, भगवान मजाक हे नेहको उडाय जथै, काखे मनसे जउन कुछु बोथै उहै काटथै।
कउ तुमके बेकार बातन लग धोखा झइ दे, काखे इन कामन के कारन भगवान के गुस्सा आदेस न मानै बाले के उप्पर भडकथै।
नास होमै बाले मनसेन के हर मेर के अधरम भरम हे डारथै, काखे उन सही माया नेहको करिन, जउन उनही मुकति करै के निता सक्ति रथै।
तुम धियान रखिहा कि कउनो मनसे भगवान के अनुगरह लग दूर झइ रहै, असना कउनो करू जर फुटकै झइ पाबै, जउन नुसकान होय अउ सगलू समाज के असुध्द के दे।
बोहत मनसे उनखर जसना लुचपन के चाल चलन चलही, अउ उनखर कारन सत्य के रास्ता निन्दा करे जही।
तब ऊ सक्तिसाली पोखडी बाले अजगर सपुवा ऊ पुरान सपुवा, जउन दोस लगामै बाले भुतवा कहाथै अउ सगलू दुनिया के भटकाथै, अपन दूत के संग भुंइ हे गिराय दइन।