अगर तुम्हर हे दूसर के हक हबै, ता का तुम्हर हे हमर हक उन सबले बढके नेहको होही? तउ हम हइ हक के ऊज नेहको करेन, पय हम मसीह के संदेस के परचार हे कउ रुकावट झइ करै, इहैनिता हम सबैमेर के दुख सहथन।
धन्य हबै ऊ, जउन मनसे परिक्छा हे ठाड रथै काखे परिक्छा हे खरा उतरै हे उके जीवन के ऊ मुकुट मिलही, जेही परभु अपन सेबक के दे के टीमा अपन माया करै बाले लग करे हबै।
ऊ अपन देह हे हमर पापन के क्रूस हे लाद लइस, जेखर लग हम पाप के निता मर के नियाइपन के निता जिये लग जइ, तुम ओखरै मार खाय के दवारा तुम नांगा लग निक्खा होय हबा।