26 अगर अक्ठी अंग हे पीरा होथै, ता ओखर संग सगलू अंगन के पीरा होथै अउ अगर अक्ठी अंग के बडाई होथै, ता ओखर संग सगलू अंग खुसी मनाथै।
यीसु जबाब देथै, अब ओसनेन होमै दे काखे हमके इहैमेर करै के सब नियाइपन के पूर करै के जरूरी हबै, ता ऊ ओखर बात के मान लेथै।
अगर तोर खउनी आंखी तोर लग पाप करवावै ता उके निकाडके फटक दे, काखे तोर निता इहै निक्खा हबै, कि तोर देह लग अक्ठी अंग बेकार हुइ जाय अउ तोर देह नरक हे झइ डाले जाय।
खुसी बनामै बालेन के संग खुसी बनाबा अउ रोमै बालेन के संग रोबा।
हइ इहैनिता हुइस कि देह हे फूट पइदा झइ होय, बलुक ओखर सगलू अंग अक दूसर के धियान रखै।
इहैमेर तुम सब मिलके मसीह के देह हबा, अउ तुम्हर मसे सबझन ओखर अक्ठी अंग हबा।
तुम अक दूसर के भार उठाबा, अउ इहैमेर मसीह के नियम के पूर करा।
जेलियरन के संग तुम्हर बेउहार असना होय मानलेया तुम खुद उनखर संग जेल हे हबा, सताय जाय बालेन के झइ बिसरिहा कि हमरो देह हबै, काखे तुमो सताय जाय सकत हबा।
आखरी हे हइ तुम सब के सब अक्ठी मन अउ किरपालू अउ भाईचारा के मेर रखा, अपन हे माया रखा, करुनामय अउ नरम बना।