24 हमर सोभा बाले अंगन के ऐखर जरूरत नेहको होथै, पय भगवान देह के असना बनाय देथै कि जउन अंग के इज्जत के कमी होथै उहै के अउ बोहत इज्जत मिलथै।
अगर तोर खउनी आंखी तोर लग पाप करवावै ता उके निकाडके फटक दे, काखे तोर निता इहै निक्खा हबै, कि तोर देह लग अक्ठी अंग बेकार हुइ जाय अउ तोर देह नरक हे झइ डाले जाय।
देह के जउन अंगन के हम कमजोर समझथन, ओखर बोहत इज्जत करथन अउ बेकार अंगन के हम बोहत धियान रखे रथन।
हइ इहैनिता हुइस कि देह हे फूट पइदा झइ होय, बलुक ओखर सगलू अंग अक दूसर के धियान रखै।