22 पय एखर उलटा देह के जउन अंग सबले कमजोर समझे जथै, ऊ बोहत जरूरी हबै
आंखी हाथ लग नेहको कहि सकथै, “मोके तोर जरूरत नेहको हबै,” अउ मूड गोड लग नेहको कहि सकथै, “मोके तोर जरूरत नेहको हबै।”
देह के जउन अंगन के हम कमजोर समझथन, ओखर बोहत इज्जत करथन अउ बेकार अंगन के हम बोहत धियान रखे रथन।
काखे तुम अपन पराथना के दवारा हमर मदत करथा, कि हमर पल्ला लग कइनमेर के ऊ बरदान के निता धन्यबाद परगट करे जाय सकै, जउन कइनमेर के बिनतिन के दवारा हमके मिले हबै।