17 अगर सगलू देह आंखी होतिस, ता ऊ कइसन के सुन सकतिस? अगर सगलू देह कान होतिस, ता ऊ कइसन के सूंघ सकतिस?
अगर कान कहि, “मै आंखी नेहको हव, इहैनिता देह के नेहको हव,” ता का ऊ हइ कारन देह के अंग नेहको?
पय सहीमा भगवान अपन इक्छा के जसना सगलू अंग के देह हे जिघा दय हबै।
आंखी हाथ लग नेहको कहि सकथै, “मोके तोर जरूरत नेहको हबै,” अउ मूड गोड लग नेहको कहि सकथै, “मोके तोर जरूरत नेहको हबै।”
का सगलू चेला हबै? का सगलू ग्यानी मनसे हबै? का सब सिक्छा देय बाले हबै? का सगलू सक्ति के काम करै बाले हबै?