14 देह हे तो अक्ठी नेहको पय बोहत अंग हबै।
मनसेन के देह अक्ठिन हबै, पय ओखर कइनठेन अंग होथै, अउ देह के अंग कइनठेन होय लग देह अक्ठिन हबै, इहैमेर मसीह हबै।
अगर गोड कहि, “मै हाथ नेहको, इहैनिता देह के नेहको हबो,” ता का ऊ हइ कारन देह के अंग नेहको?
अगर सब के सब अक्ठिन अंग होतिन, ता देह कछो होतिस?
सहीमा बोहत लग अंग होय लग अक्ठिन हबै देह हबै।
इहैनिता तुम झूठ बोलै के छांड के हर अक्ठी अपन परोसी लग सही बोला, काखे हम अपन हे अक दूसर के अंग हबन।