33 इहैनिता हे मोर भाई अउ बेहन जब तुम परभु भोज के निता जुडथा, ता अक दूसर के ओरगे करा।
तउभरमा जब परभु हमही दोसी ठहराथै, ता हइ हमर सुधार के निता हबै, जेखर हम दुनिया के संग दोसी झइ ठहरी।
अगर कउनो के भूख लगै ता अपन घर हे खाय ले तुम्हर अक जिघा जुडे लग तुम नियाव के कारन झइ बना, बाकी बातन के मै आयके सही करिहों।