अब हमही हइ पता हुइ गइस कि नियम के निरदेस उनखरै लग कथै, जउन नियम के वस हे हबै, कि सबके मुंह बन्द हुइ जाय अउ पूर दुनिया भगवान के आगू निरनय के निता काबिल ठहरे।
अक्ठी मनसे के अपराध अउ भगवान के बरदान हे कउनो बराबरी नेहको हबै, अक्ठी अपराध के कारन सजा के आदेस दय गइस अउ अपराध के बाद मुकति के बरदान दय गइस जेहमा नियाव मिल गइस।
भगवान अपन दिमाक के जसना कबहुं हइ नेहको चाहिस कि हइ दुनिया अपन ग्यान के दवारा भगवान के झइ चीन सकै। इहैनिता भगवान संदेस के परचार मूरखन के दवारा बिस्वास करै बाले के मुकति दे।