मसीह मनसेन के हाथ के बनाय हर पवितर जिघा हे, जउन निक्खा पवितर जिघा के अक्ठी चिन्हा रथै, नेहको घुसिस, जेखर दवारा मसीह हमर पल्ला स्वरग हे भगवान के लिघ्घो उपस्थिति हुइ सकै।
हइ पानी के बतिस्मा के चीन्हा हबै, जउन अब तुम्हर मुकति करथै, बतिस्मा के मतलब देह के मइल धोमै के नेहको, बकि सुध्द हिरदय लग अपन के भगवान के परति सउपना हबै। हइ बतिस्मा यीसु मसीह के जिन्दा हुइ जाय के दवारा हमर मुकति करथै।
भगवान उन मनसेन के चेतावनी देय के निता, जउन भभिस्य हे पाप करैका सोचहीं, ता सदोम अउ अमोरा के सहर के भसम करके बिनास के सजा दइस, कि उन आमै बाले पापिन के निता उदाहरन बन जाय। असना सजा दयइस कि उनही नास करके राख के दइस,
इहै मेर मै तुमही हइ सुरता दिलामै चाहथो, कि सदोम अउ अमोरा अउ ओखर अगल-बगल के सहर हे हइ दूतन के जसना गलत काम हे फस गय रहै, अउ पराय देह के पाछू दउडत रहन, उनही अनन्त काल तक नेहको बुझै बाले आगी हे झपोय जाय के निता सजा दय गइस, ऊ हमर निता उदाहरन के रूप हे ठहरे हबै।