29 मोर मतलब तुम्हर मन लग नेहको, बलुक दूसर मनसे के मन लग हबै, काखे मोर आजादी दूसर के मन के कारन बाधा नेहको हबै।
“परभु कर आतमा मोर संग हबै, काखे ऊ मोर अभिसेक करे हबै, ऊ मोके पठोय हबै, कि मै कंगालन के संदेस सुनाव, अउ जेलियरन के मुकति करो, अउ अंधरन के फेरै आंखी देय के संदेस दों, मै दलित मनसेन के आजाद करव।”
तुम कउनो के ठोकड के कारन झइ बना, न यहूदिन के निता, न यूनानियन के निता, न भगवान के मंडली के निता।
का मै आजाद मनसे नेहको? का मै चेला नेहको? का मै हमर परभु यीसु के नेहको देखव? का तुम परभु हे मोर मेहनत के फल नेहको?
सब मनसेन लग आजाद होमै लग मै खुद के सबके गुलाम बनाय लयो, जेखर लग मै बोहत मनसेन के जीत सको।
काखे न केबल परभु के नजर हे, बलुक मनसे के नजर हे हम निक्खा आदत करै का धियान रखथन।
सबैमेर के बुराइयन लग बचे रइहा।