19 पोशा तू केनार, डालखा तान केरता तोडीन टाकाका मारा कलम लागिल.
19 उवतो तु किहे, “डालख्यु ज्यानकेरता तोड़ाय गीयो काय मी साटाय जाव।”
पुण जर काही डालखा तोडीन टाकाएने तू रानटी जैतून येतो तामायरीन तान जागे कलम रूपे लागाडया गीयो एने जैतुनान मुलाचा भागीदार एनो.
सेवट तू माहु केह, “तो पोशा का दोष लागाडणे? कूण तान इच्छाकेरिन सामना केरूह?”