53 बादमाय तो पुरलेउखीर उतरीन गनसरेतमाय पोचील, तो तास मेरे नाव बांधीन मिलव.
53 ओवता ता देरीयाह पार केरीन गन्नेसरत गावा माय पोचना, एने मीरे उतरीन डोंडह्याह बांद देना।
तो नावीम रीन उतरताच माणहान ताह ओळखव.
जेवी गेर्दी यीशुपुर पोडणे केरताली, एने बोगवानान वचन होमलने केरीन यीशुन आहने जाताली, एने गनसरेत सरोवरान मेरे रीन उबरील एती, तेवी ओहलो एनो.