3 तेवी ता हुकील आथा वाला माणहाह कियील, उठ, “एने विच उबरी.”
3 यीशु ता आथ पांगा माणहाह केयो, “न्या आखान ओंगाण आवीन उबरी।”
देखू, ताहारी एक हुकील आथान एक माणुह एतो. ता यीशु पोर दोष लागाडीने केरन ताह फुशा “काय शब्बाथान दिह हजो केरणेन चन्गो केरणेन हाजो हि”
एने तापोर दोष लागाड ने केरीन शब्बाथ दिह तो ताह हजो केरी का काय ज्यो देखणेन ता टोपीन बोहील एता.
उवतू तो ताह कियील, “शब्बाथ दिह हाजो केरणेन ठीक हि का खारब केरणेन ठीक हि, जीव वोचडने का मारणेन” पुण तो ठावकु कास रेणा.
पुण तो तान विचार होमजाडणे एतो; तावजेसे तान हुकील हातान माणहाह कियील, “उठ, विचमाय उबरील रीवू.” तो उठीन उबरील रेणू.
जो माहु मोकलील हि, आमूह तान काम दिह दिहेच केरणे गिरीज हि; ती रात आवणी हि जांमाय कूण काम नाय केर सेकी.
तेभी मारो प्रिय बायहो, तुटणारे बोणावीन पुरल्यो रीवू, प्रभु कार्याप्रती स्वताह कायम पुरो एय गीयो, साखजपर्ण केरीन दया कारण तुमूह तर मालूम हि कि प्रभु माय किरील गेलेले तुमरो काम वाया नाहं.”
आमु हाजो काम केरणेन केरता मद्तकेरदेहे सोडहुं, काहाकाय जर आमु मोकला नाहं हि तर तीबोखे कापणी केरुहू.
एने बोगवान माय जोला बाहाक हि, तामायरीन अधिकतर माणहाह माहु बोन्दि जाणे से, धीराने वचन निर्भयतामाय किथी एने.
ज्यानकेरता जेवी कि मसीहाने शरीरा माय रेयीन दुख उखीलील तर तुमु पुण ता मनो बदलीतदेल शस्त्र पेरणुकेरू, काहाकाय कि तान केरता शरीरांकेरिन दुख उखीलील पाप ने सोडी एने,