56 एने ता दिहरा एक गावाम निकलीन गीया.
56 एने यीशु एने तान चेला दिहरा गावाम जात रेना।
“देखू, तुमूह आत्या मोठलाह तुमु कुणीहुच तुच्छ माणहु मा, कारण मी तुमूह किथे कि स्वर्गाम तान दूत मारो स्वर्गीय आबाकने मूय कायम दिखिह रेतेह.
काहाकाय माणहान सोरो टाकाईलाह वोचाडणे आवील हि.”
ज्यानहोस माणहान सोरो, सेवा केरीन ओहलान केरी नाहं, तर सेवा केरीन केरता एने आखान सुटकारान केरता तान जीव आपी.”
पुण मी तुमूह केथु का, बुराई से लेढू मां, जो तार जेवड्यो गाडश्यापूर थापू देय तान ओगांण दिहरो भी फिराव भी दी”
कारण माणहान सोरो टाकाईयलाह होदणे केरता एने तान उद्धार केरणेन केरता आवा हि.”
तापोर यीशु कियील, “ऐवी बोह केरू” एने तान कान स्पर्श केरीन ताह हजो किरील.
तेवी यीशु कियील, “हे आबोक न्याह क्षमा केर, कारण न्याह मालूम नाहं का ज्या काय केरतेह?” एने ता चिठ्या टाकीन तान फाडका वाट लीईल.
पुण तान फिरावीन ताह जुलील एने कियील, तुमूह मालूम नाहं कि तुमूह कोहलो आत्मान हि काहाकाय माणहान सोरो माणहान जीवान नाश केरणे केरता नाहं पुण वोचाडणे केरता आवा हि.
ताहेर्यो वाटी जातालोन ताह, तर कूण एकजाण ताह कियील, “जा जा तू जाही, मी तारे पासाण पासाण आवूह.”
चोर आवथू तो तो फक्त चोरी, खुन एने खेतेम केरणेन केरता आवथू पुण मी तान केरता आवा हि कि माणहे जादा जीवन जीवहु शकेल.
केध्दीह कूण मारी वात कोलाक पुण देखतालु नाहं, तर मी ताह दोषी ठेरावीन नाहं; कारण मी जगाह दोषी ठेरावण्याम केरता नाहं तर, पुण जगान उद्धार केरणेन केरता आवूह हि.
बोगवान आपणा सोराह जगामाय मोकलील का जगान न्यायनिवाडू केरणेन केरता नाहं, पुण तान द्वारे जगान उद्धार एने जुवी केरीन मुक्लील
चुकीने जीकल्यू जाहू, मां, तेवी हाजोहाय चुकीई जिकिने.
हि वात खेरो एने मोकता प्ररकारान माणने योग्य हि कि मसीह यीशु पापान उद्धार केरणेन केरता जगाम आवा, ज्यामाय आखान मोठू मी हि.