41 “कूण एक होवकारान दुय कर्जदार एता, एक पाचशे एने दिहरो पन्नास दिनाराचा एतो.
41 “दुय एदमी एक माणहा फाय रेन चांदीन रूपिया केरजो मांगेल एता, एक पाच होव, एने एक पाचाह रूपिया।
पुण तो दास बाहेर निकलील एने तान भेट तान एक हेरी दासाबरोबर एनी जो तान शंभर रुप्याआ कर्जदार एतो तान ताह देरील एने तान गळा दाबीन ताह कियील मारो कर्ज फेड.
एने जोहलो आमु आमरा दुश्मनाह क्षमा केरतेह, तोहोलोच तू भी आमरा पापान क्षमा केर.
तान ताह उत्तर आपील, तुमुच ताह खाणेन आपु तो ताह कियेल काय जाइन दोनशे रुप्यान रूटू वेचातो लावा ताह खाणेन आपणे?
आमरा पापान क्षमा केर, काहाकाय आमु भी आमरा अपराधीह क्षमा करणु, एने आमूह परिक्षाम लावही मां.”
पुण जो नाहं होमजाडीन मार खाणेन केरता काम केरूह तो थोडो मार खाण्यू; एने ज्याह होवटो होपीन आपील हि, तान फायरीन होवटो विसीन जाहू.
एने, ता अठरा माणहान विषयी तुमूह काय विचार केरता शिलोहामाय बुरुज पोडीन, ताह मारील: काय विचार केरता, ते यरूशलेम माय रेणार दिहीरा आखा होवटो अपराधी एता?
यीशु ताह उत्तरू माय कियील, हे शिमोन, माहु तुवाह काही तेभी केणेन हि तो बोल्णु, हे गुरु किजी.
ज्ञान केरता मी तुवाह किथे कि जीन पाप जादा एता, ते क्षमा एनाह, कारण जीन जुलुम प्रेम किरील; पुण ज्यान थोडोक क्षमा एय गीयो, तो जारीकुच प्रेम करने.”
जानकेरता कि आखा पाप किरील हि एने बोगवानान महिमारहित हि,
व्यवस्था मायतेच आवीन गीया कि अपराध जुलुम होवो, पुण जाहारी पाप एय गीयो ताहारी कृपा दान तापुररीन पुण होवटो एय गीयो,