“हे इस्राएल माय वाला मदत केरू, ज्यो तोच माणुह हि, जो माणहान, एने व्यवस्था, एने ज्या जागान विरूधमाय प्रत्येक जागीपोर आखा माणहाह हिकाडीह, न्यावोर का यूनानीह भी मंदिरामाय लावीन तो ज्या पवित्रस्थानाह अपवित्र किरील हि”
तो उठीन निकलील, एने देखील, कुश देशान एक माणुह आविह एतो जो षंड एने कुश ची राणी कंदचे जीन अधिकारी एने भंडारी एतो, जो आराधना केरणेन केरता यरूशलेमत आवा एतो.
काहाकाय कि मी सुवार्ता से लाजवाईल नाहं, जानकेरता कि तो प्रत्येक विश्वास केनारान केरता, पेल्ला तर यहूद्यांसाठी ओवतो यूनानीन केरता, उद्धाराच्या निमित्ताने बोगवानान सामर्थ्य हि.
परिणाम स्वरूप ताजागेन यहूदी, एने यूनानी, ज्यामाय काही गालो रेणू नाहं कूण खतना युक्त, एने खतनाहित, माय असभ्य, एने बर्बर, माय दास एने एक स्वातंत्र: माणहामाय काही तेभी अंतर हि मसीह आखा काही हि एने आखा विश्वासी माणहामाय ताणुच निवास हि.