रस्ताके कातमे एकटा अन्जिरके गाछ देखल्कै आ उ लगमे गेलै महज ओइ गाछमे पता बाहेक औरो कुछो नै भेटलै। तब येसु उ गाछके कहल्कै, “आबसे तोरामे कहियो फल नै फरे।” तखुन्ते उ गाछ सुइखगेलै।
तुसब हमरा नै चुनलिही, महज हम तोरासबके चुनलियौ। आब जो आ सबदिन रहैबला फल फराइहे कैहके हम तोरासबके चुनलियौ। तहैलेल तुसब हमर नाममे पितासे जे कुछ माङबिही उ तोरासबके देतौ।
हम आपन सबकाम तोरासबके कैरके देखा देलियौ कि, तुहुसब अहिनङे मेहनत कैरके कमजोरसबके मदत कर आ परभु येसुके कहल बचन याद कर जे उ आपनेसे कहनेछै, ‘लेनाइ से देनाइ मे आसिस छै।’”
यि बातसब साँचोके चियै। हम चाहैचियै कि अइ बातसबमे जोर दिय, ताकि जे परमेस्वरमे बिस्बास करने छै उसब असल काममे धियान देबे। कथिलेकी यि सब लोकसबके लेल असल आ फाइदाके बात चियै।