मुख बात यह्या चियै कि तोरासबके चाल-चलन खिरिस्टके सुसमाचार अनुसार सोहाइबला हेबे। हम चाहे तोरासबके भेट-मुलकात करी, चाहे दुर रही तुसब एकेटा उदेस्य ल्याके अस्थिर चिही आ एकेटा मन भ्याके सुसमाचारके बिस्बासके लेल मेहनत कैररहल चिही कैहके हम सुनैले पाबी।
अन्तमे, भाइ-भैयासब, जे बात सत छै, जे बात असल छै, जे बात नियाय संगत छै, जे बात पबितर छै, जे बात परेम योग्य छै, जे बात किरपाके योग्य छै, अरथात जे आदरके योग्य छै आ परसन्साके योग्य छै तैमे मन लगा।