जौवा बच्चा जलमैसे पहिने आ उसब असल या खराब काम करैसे पहिने परमेस्वर एक गोरा चुनल्कै। अनङ परमेस्वरके चुनैबला काम ओकर काम-काज देखके नै महज आपन उदेस्य अनुसार हैछै से साफ-साफ देखाइछै।
महज पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखलछै, “आँखसे नै देखलहा आ कानसे नै सुनलहा आ लोकके मनमे नै चितेल्हा, एह्या बात परमेस्वर ओकरा परेम करैबलासबके लेल तयार करने छै।”
हमरासबके थाहछै कि हमसबके यि बास करल नासबान देह पाल जखा चियै, जे एक दिन नास हेतै तैयो परमेस्वरके देल देह स्वरगमे अनन्ततक रहैबला घर जखा हेतै, जे लोकके हाथसे नै बनलछै।
परमेस्वरे हमरौरके बचेल्कै आ आपन पबितर बोलाबटसे बोलाइल्कै। हमरौरके काम देखके नै, महज उ आपन इक्छा आ अनुगरहसे करने छै, जे उ खिरिस्ट येसुमे जुगो-जुग पहिनेसे हमरासबके देने छेलै।
उ लोक धैनके चियै, जे आपत-बिपतमे अस्थिर रहैछै, कथिलेकी जाँचके सामना करलाके बाद उ जिबनके मुकुट पाबतै, जे परमेस्वरके परेम करैबलासबके परमेस्वर दैले परतिग्या करने छै।