12 बेबस्था अपनेमे पबितर छै। ओहैसे ओकर आग्यासब पबितर, नियाय सङहत आ असल छै।
अइ सन्सारके लोकसब जखा देखासेखी नै कर महज आपन सोच-बिचार परमेस्वरके परिबरतन करैले दहै। तब परमेस्वरके असल, मनपरैबला आ सिध इक्छा कथी चियै से तुसब जानबिही।
तब कि अपनासबके अहै बिस्बास दुवारा बेबस्थाके बेरथ कैरदेबै? कदापी नै! बरु हमसब बेबस्थाके साँचोके मानैचियै।
अपनासबके यि बात थाहेछै कि बेबस्था त आत्मिक चियै कथिलेकी यि परमेस्वरसे आबल छै। महज हम देहके पाप स्वभाब अनुसार चलैबला आ दास जखा पापमे बेचलगेल लोक चियै।
ओहैसे हमर इक्छा नै करल खराब काम करैचियै त, हम बेबस्था असल छै कैहके सहमत चियै से देखाबैछै।
अपनासब जानैचियै कि बेबस्थाके निक जखा जिबनमे लागु करे त असल चिज चियै।