कथिलेत सुसमाचारसे लोकके परमेस्वर कनङके धरमी बनाइतै से बात परकट करने छै। परमेस्वरके अगा धरमी ठहरैबला बात बिस्बाससे सुरु हैछै आ बिस्बासेमे पुरा हैछै। जनङ कि पबितर धरमसास्तरमे लिखलछै, “जे लोक बिस्बास दुवारा परमेस्वरके अगा धरमी ठहरतै, उ लोक जिबन पाबतै।”
कोनो लोक धरम-करममे नै महज पापी लोकसबके छमादैबला परमेस्वरमे बिस्बास करैछै त वह्या बिस्बासके कारन परमेस्वर ओकरा धरमी ठहराइछै। यि त परमेस्वरके दान चियै।
परमेस्वरे हमरौरके बचेल्कै आ आपन पबितर बोलाबटसे बोलाइल्कै। हमरौरके काम देखके नै, महज उ आपन इक्छा आ अनुगरहसे करने छै, जे उ खिरिस्ट येसुमे जुगो-जुग पहिनेसे हमरासबके देने छेलै।
महज कोइ हमरा पुछतै, “कि तु परमेस्वरमे बिस्बास करैचिही?” हम त कहबै, “हम ओकर आग्या अनुसार काम करैचियै। ओकर आग्यापालन बिना करल आपन बिस्बास देखा त? हम त कामसे आपन बिस्बास देखाइबै।”