ओनङ चियै त हमसब आब कथि कहबै? कि बेबस्था पाप चियै त? ओनङ नै चियै। बेबस्था नै रहतियै त पाप कथि चियै से हम थाहे नै पाबतियै, कथिलेत “तु लोभ नै कर” कैहके बेबस्था नै कहने रहतियै त लोभ नै करैके हैछै कैहके हम थाहे नै पाबतियै।
लोकसबके हिसाबसे कहैचियौ त, एफिसस सहरमे हम जङली जानबरसब जखा लोकसबसङे लराइ कैरके हमरा कि फैदा भेलै? यदि मरल लोक जीके नै उठैछै त “खो आ पि, कथिलेत हमसब त काइल मैर जेबै।”
हे हमर पिरिय भाइ-भैयासब, आब हम तोरासबके दिनदिनके जिबनसे एकटा उदाहरन द्यारहलचियौ। लोकसबके बिचमे कोनो करार एकबेर पक्का भेलाकेबाद कोइने एकरा रद कैरसकैछै आ नै त अइमे किछो थप-घट कैरसकैछै।
उसब अनङ कैहके परमेस्वरके दास मोसाके भजन आ थुमाके भजन गाबैछेलै, “हे सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर! अहाँके काम कतेक महान आ अदभुत छै, हे जाती जातीके रजा! अहाँके बाट धारमिक आ सत छै।
हे स्वरगमे भेल्हासब, उ सहर नास भेलासे खुस हो। हे परमेस्वरके पबितर जनसब, परेरितसब आ अगमबक्तासब सबकोइ आनन्द मना! कथिलेत तोरासबके सताबैके कारन परमेस्वर ओकर नियाय करने छै।