उसब आपन कुछ चेलासब आ हेरोद रजाके दलके कुछ लोकसबके येसुलग एहेन कहैले पठेल्कै, “हे गुरु जी, हमसब जानैचियै कि अहाँ सत चियै आ परमेस्वरके साँचे सत बाट देखाइचियै। लोकसब कथी कहतै तैके कोनो बास्ता नै राखैचियै कथिलेकी अहाँ ककरो पक्छपात नै करैचियै।
तब उसब येसुके फसाइले पुछल्कै, “गुरु जी, हमसब जानैचियै, अहाँ सहि बात बोलैचियै, असल बात सिखाइचियै आ ककरो पक्छपात नै करैचियै, महज अहाँ त सत्यतासे परमेस्वरके रस्ता देखाइचियै।
हौ मालिकसब, तैहनङे कैरके अहुसब आपन नोकर-चाकरसबके असल बेबहार करु आ ओइसबके नै धम्काब कथिलेत अहाँसबके आ उसब दुनुके एकेटा मालिक स्वरगमे छै से बात नै बिसर। उ ककरो पक्छ ल्याके नियाय नै करैछै।