23 महज जे कोइ सङका कैरके खाइछै त, उ दोसी ठहरैछै, कथिलेत बिस्बास बिनाके करल सबकाम पाप चियै।
तैल्याके जे सासकसबके बिरोध करतै उ परमेस्वरके बिरोध करतै। जे कोइ बिरोध करतै उसब दन्ड पाबतै।
कतहेक लोक एकटा दिनके दोसर दिनसे बेसि बिसेस मानैछै महज कतहेक लोक सबदिन एके ठानैछै। हरेक लोक आपन-आपन मनमे बिस्बास करल बातमे पक्का हैलेपरतै।
महज सब बिस्बासी लोकके यि ग्यान नै हैछै। ओकरासबके मुरतिपुजाके आदत भेलाके कारन अखुन्तो मुरुतिके चरह्याल चिज खाइछै त साँचोके मुरुतिके चरह्याल चिज खाइचियै कैहके ठानैछै। ओइसबके मनमे एहेन गलत बिचार भेलाके कारन उ खेलासे “हम असुध भेलियै” कैहके ठानैछै।
सुध मन भेल लोकसबके लेल सब चिज सुध रहैछै। महज पतित आ अबिस्बासीसबके लेल कोनोभी चिज सुध नै रहैछै, कथिलेकी ओइसबके मन आ सोचबिचार असुध रहैछै।
बिस्बास बिना परमेस्वरके खुसी करनाइ असम्भवछै, कथिलेकी जे परमेस्वरके नजदिक आबैछै, उ परमेस्वर छै आ ओकरा खोजैबलासबके इनाम देतै कैहके पक्का बिस्बास करेपरतै।